इटावा पुलिस की तानाशाही! SSP की मां हुईं बीमार तो डॉक्टर को अगवा कर ले गई पुलिस, मारापीटा और दी गंदी-गंदी गालियां

इटावा में डॉ. भीमराव अंबेडकर संयुक्त चिकित्सालय की इमरजेंसी वार्ड में बुधवार-गुरुवार की रात हुई घटना ने पूरे चिकित्सा और प्रशासनिक तंत्र को हिला दिया। ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर और फार्मासिस्ट को कथित तौर पर पुलिसकर्मी जबरन अपनी गाड़ी में डालकर थाने ले गए। इस दौरान उनके साथ बदसलूकी और मारपीट जैसे हालात बने। डॉक्टर समुदाय इसे खुलेआम गुंडागर्दी बताकर हड़ताल पर चला गया है, जिससे शहर की स्वास्थ्य सेवाएं ठप हो गईं।

जानकारी के अनुसार, देर रात इटावा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की मां की तबीयत बिगड़ने पर कुछ पुलिसकर्मी अस्पताल पहुंचे। इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर राहुल बाबू और एक फार्मासिस्ट जांच और मेडिकल व्यवस्था करने में जुटे थे। उसी समय, पुलिस टीम ने उनसे तत्काल चलने की मांग की। डॉक्टर के बताने के अनुसार, जब उन्होंने समझाया कि इमरजेंसी छोड़कर जाना उचित नहीं है और वे किसी अन्य स्टाफ को भेज सकते हैं, तो पुलिसकर्मी आक्रामक हो गए। आरोप है कि उन्होंने मारपीट जैसी हरकत की, मोबाइल छीन लिया और दोनों को गाड़ी में जबरन बैठाकर सिविल लाइन थाने ले गए।

इमरजेंसी में मरीज थे…खींचकर गाड़ी में डाल दिया

डॉ. राहुल बाबू का कहना है, “हम लोग अस्पताल से बाहर नहीं जा सकते थे, क्योंकि इमरजेंसी में मरीज थे। इसके बावजूद हमें खींचकर गाड़ी में डाला गया और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया। पुलिसकर्मी कह रहे थे – क्या आप एसएसपी से बड़े हैं?”

डॉक्टरों का रोष और हड़ताल

इस घटना के बाद चिकित्सालय का पूरा मेडिकल स्टाफ आक्रोशित हो गया। डॉक्टरों और नर्सों ने इसे न केवल अनुचित बल्कि अपराध की श्रेणी में बताया। विरोध स्वरूप उन्होंने तत्काल कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया, जिससे इमरजेंसी सेवाएं पूरी तरह से बाधित हो गईं। मेडिकल संगठनों का कहना है कि जब तक दोषी पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं होती, तब तक कामकाज शुरू नहीं होगा।



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blboddh@gmail.com

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